6 घंटे से कम सोने से होता है डायबिटीज होने का अधिक खतरा : शोध में खुलासा

6 घंटे से कम सोने से होता है डायबिटीज होने का अधिक खतरा : शोध में खुलासा

सेहतराग टीम

नींद का महत्व इस बात से जाहिर हो जाता है कि यदि एक रात भी अनिद्रा के कारण व्यक्ति सोता नहीं है तो इंसुलिन नामक हार्मोन द्वारा रक्त में ग्लूकोज स्तर को बढ़ाने की क्षमता कम हो जाती है। डायबिटीज की बढ़ती आबादी का संबंध अनिद्रा से जोड़ा जा रहा है, जिसे पर्याप्त परीक्षण सिद्ध करते हैं। विश्वभर में करीब 17 करोड़ व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित हैं।

परीक्षणों द्वारा यह निर्धारित हुआ है कि कई रात की नींद से वंचित व्यक्ति डायबिटीज का शिकार हो जाते हैं, क्योंकि शरीर के ग्लूकोज को जलाने की इंसुलिन हार्मोन की क्षमता कम हो जाती है। परिणामस्वरूप शुगर की मात्रा बढ़ना शुरू हो जाती है।

लेकिन नीदरलैंड में हुए परिक्षणों से यह सिद्ध हो गया है कि एक रात की नींद से वंचित व्यक्ति की इंसुलिन की शुगर जलाने की क्षमता में 17 से 25 प्रतिशत तक कमी आ जाती है। यह तथ्य भी सिद्ध हो चुका है कि पिछली रात की नींद यदि 6-8 घंटे से कम हुई हो तो नींद की कमी के अनुपात में इंसुलिन की कार्य क्षमता में भी कमी आ जाती है।

इसके पहले एक अमेरिकन अध्ययन के आधार पर यह तत्थ सामने आया है कि जो व्यक्ति 6 घंटे से कम नींद लेते हैं, उनके डायबिटीज के शिकार होने की संभावना 6-7 घंटे नींद लेने वाले व्यक्तियों की तुलना में अधिक बढ़ जाती है।

(इस आलेख को प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किताब निद्रा रोग से साभार लिया गया है। इसे प्रो. एम. पी. श्रीवास्तव और डॉ. संजय श्रीवास्तव द्वारा लिखा गया है)

 

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